Best 20 + Republic Day Shayari in Hindi|| 26 January Deshbhakti Shayari || गणतंत्र दिवस पर शायरी हिन्दी में
गणतंत्र दिवस वह दिन है,जिस दिन 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ था।26 जनवरी को गणतंत्र दिवस की तारीख के रूप में चुना गया था क्योंकि 1930 में यही वह दिन था जब भारतीय स्वतंत्रता की घोषणा की गई थी ।
Republic Day Shayari
इस दिन के लिए वीरों ने अपना खून बहाया है,
झूम उठो देशवासियों आज गणतंत्र दिवस आया है।
ना अच्छा जीवन ना बड़ा धन चाहिए,
बस बना रहे अमन ऐसा वतन चाहिए,
जिंदा है जब तक धरती से मोहब्बत है,
मौत पर तीन रंगों का कफन चाहिए।
गणतंत्र दिवस पर शायरी
नहीं जीता हूं मैं किसी सनम के लिए या नहीं मरता हूं मैं किसी बेवफा के लिए,
मैं तो जीता हूं बस अपने वतन के लिए।
दे सलामी इस तिरंगे को जिससे तेरी शान है,
सर हमेशा ऊंचा रखना इसका जब तक दिल में जान है।
Deshbhakti Shayari
अपनी आजादी को हम हरगिज मिटा सकते नहीं,
सर कटा सकते हैं लेकिन सर झुका सकते नहीं।
कुछ नशा तिरंगे की आन का है,
कुछ नशा मातृभूमि की शान का है,
हम लहराएंगे हर जगह ये तिरंगा,
नशा ये हिंदुस्तान की सम्मान का है।
26 January Gantantra Diwas Par Shayari
लिखनी पड़े अगर बातें कुछ अपने मां को अपनी जान लिखेंगे,
तुम लिखना लव लेटर लैलाओं को हम सीने पर हिंदुस्तान लिखेंगे।
मैं भारत माता का बेटा हूं बेटा का फर्ज निभाउंगा,
पीछे मुड़कर कभी ना देखूंगा भले ही सीने पर गोली खाऊंगा।
75th Republic Day Shayari
लहराएगा तिरंगा अब सारे आसमान पर,
भारत का नाम होगा अब सब की जुबान पर।
देश प्रेम की भावना को सभी के दिल में जगाना है,
अपने भारत देश को सबसे महान बनाना है।
New Republic Day Shayari
चांद में आग हो तो सूरज की क्या हो जरुरत,
इंसानियत हो दिल में तो नफरत भी हो खूबसूरत।
आंखें दिखा रहे हो किसे ये जमीन नहीं है डरने वालों की,
जिस्म से सांसें जुदा कर देंगे इस वतन की तरफ गलत निगाह करने वालों की,
और कमजोर मत समझना मेरे वतन को तुम,
यहां कमी नहीं है भारत मां की शान की खातिर मरने वालों की।
Republic Day Shayari In Hindi
कई फूलों की खुशबू है कई रंगों की रंगोली है,
एक हिंदुस्तान है बहुत चेहरे कई बोली है।
वो हंसकर मर गए अपने देश की शान के लिए,
अफसोस हम आज भी लड़ रहे रोटी कपड़ा और मकान के लिए,
जिस जिंदगी को हमने फिक्र में जिया,
इस जिंदगी को उन्होंने फकर से जिया,
बस अंतर इतना था कि हम जिए वेतन के लिए और वो जिए वतन के लिए।
26 January Deshbhakti Shayari
बाज है वो पंख फैला कर चलता है,
नजरों को दो कदम बढ़ाकर चलता है,
स्वाभिमान मैं वो अंगार है,
कि जैसे भारत मां का श्रृंगार है,
ऊंची है गर्दन ऊंची है नजरे,
तभी तो जब ये भारत जिंदाबाद है।
काश जिंदगी में वो शाम आए,
जिस मिट्टी से जन्मे उसके भी कभी काम आए,
हर शाम को यही दुआ है रब से,
देश के लिए खुद को कुर्बान कर काश शहीदों में मेरा भी नाम आए।
… HAPPY REPUBLIC DAY SHAYARI…